बेअसर होती दवाएं
बेअसर होती दवाएं
एंटीबायोटिक्स
की सबसे बडी दिक्कत है कि ये शुरुआत मे तो यह बैक्टीरिया को मारती है ।
लेकिन जल्द ही बैक्टीरिया अपने अन्दर इसका प्रतिरोध विकसित कर लेते है और
यही दवाए कुछ समय बाद बेअसर होने लगती है । फिर इसके बाद नई एंटीबायोटिक्स
की खोज शुरू हो जाती है । ये नई दवाए ज्यादा महंगी होती है । दवा कंपनीयो
के मुनाफे बङ जाते है । साथ ही यह नई एंटीबायोटिक्स दवाओ के परिक्षण वगैरह
का भी बङा तन्त्र बन गया है । लेकिन दवाओ के साथ अपनी इस लङाई मे
बैक्टीरिया अब बहुत आगे पहुंच गए है । अब कुछ ऐसे बैक्टीरिया विकसित हो गये
है जिन पर नई, पुरानी किसी भी तरह की दवा का असर नही होता । ये धीरे धीरे
पूरी दुनिया मे फैल रहे है । यह एक ऐसी समस्या बन गयी है । जिसका तोङ निकाल
पाना चिकित्सा विज्ञान के लिए मुश्किल हो गया है । लेकिन वैज्ञानिको ने अब
इसका हल ढूँढ निकाला है जो कि किसी भी तरह के बैक्टीरिया को मार सकता है!
और उनका दावा है कि ये दवा शरीर को किसी भी तरह का नुकसान भी नहीं
पहुंचाती है । इन एंटीबायोटिक्स दवाओ के प्रत्यक्ष व् अप्रत्यक्ष
दूरगामी नुकसान हमे पता है। लेकिन फिर भी हमारे पास और कोई विकल्प भी नही है।
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